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Question 5:भाव स्पष्ट कीजिए –(क) मृदुल वैभव की रखवाली-सी, कोकिल बोलो तो!(ख) हूँ मोट खींचता लगा पेट पर जूआ, खाली करता हूँ...

Question 5:

भाव स्पष्ट कीजिए –

(क) मृदुल वैभव की रखवाली-सी, कोकिल बोलो तो!

(ख) हूँ मोट खींचता लगा पेट पर जूआ, खाली करता हूँ ब्रिटिश अकड़ का कुँआ।

This Question has 4 answers.

Answer:

(क) मृदुल वैभव की रखवाली से यहाँ कवि का तात्पर्य कोयल की मीठी तथा कोमल आवाज़ से है। उसकी आवाज़ में मिठास होने के बाद भी जब वह वेदना पूर्ण आवाज़ में चीख़ उठती है तो कवि उससे उसकी वेदना का कारण पूछता है।

(ख) अंग्रेज़ी सरकार कवि से पशुओं के समान परिश्रम करवाते हैं। कवि के पेट पर जुआ बाँधकर कुँए से पानी निकाला जाता है। परन्तु इससे भी वे दु:खी नहीं होते तथा अंग्रेज़ी सरकार के षड़यंत्र को विफल कर उनकी अकड़ को समाप्त कर देना चाहते हैं।

कवी के अनुसार वैसे तो संसार मे कष्ट ही कष्ट है । यदि कही कुछ मृदुल्ता और सरसता बची है तो वह कोयल के मधुर स्वर मे बची है । अतह कोयल मृदुल्ता की रखवाली करने वली है वह उससे पूछता है की आखिर वह जेल मे अपना मधुर स्वर गून्जकर उसे क्या कहना चाह्ती है ।

Kavi ismein kahana chahte Hain ki angreji Sarkar Kavi se pashu ke saman kam karvate Hain Kavi ke pet mein chuha man kar hue se Pani nikala jata tha parantu isase bhi hue dukhi nahin hote tatha angreji Sarkar kesariya ko gusal cal unki akaal ko samapt kar dena chahte Hain

Kavi ismein kahana chahte Hain ki angreji Sarkar Kavi se pashu ke saman kam karvate Hain Kavi ke pet mein chuha man kar hue se Pani nikala jata tha parantu isase bhi hue dukhi nahin hote tatha angreji Sarkar kesariya ko gusal cal unki akaal ko samapt kar dena chahte Hain.

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